Thursday, August 16, 2018

सही समय?

सही समय?

निवेशको द्वारा प्रायः पुछे गए प्रश्नो मे से एक प्रश्न ये भी है कि निवेश करने का सही समय कब है ?
कब मुझे म्यूचुअल फंड्ज मे निवेश करना चाहिए?
(ताकि मेरे द्वारा किया गया निवेश केवल बढ़े )

प्रायः ये प्रश्न लोगो को एकाग्र होने से रोकता है और वो Investers से (अनजाने मे) Traders बन जाते हैं जो केवल और केवल हानि लेकर बाज़ार से विदा होते है अधिकांशतः कटु अनुभव के साथ कि " बाज़ार जोखिम वाला है" (जो कि वो हैं और सदैव रहेगा।)

आपने अपने आप से कितनी बार ये पूछा है कि " क्या निवेश करने के लिए यही सही समय है?"
कितनी बार आपको ये लगा कि अपने निवेश करने मे देरी या जल्दबाज़ी कर दी?


कितनी बार ही ऐसा हुआ कि " बाज़ारो को ऊपर उठता देख अपने निवेश किया और निवेश करते ही बाज़ार गिर गए?


निवेश के लिए " सही समय" का इंतज़ार करने कि बजाय यदि एक ऐसी निवेश रणनीति पर विचार किया जाए जो आपको बाज़ार का अंदाज़ा लगाने की कोशिश करते रहने से छुटकारा दिलाये और उतार-चढ़ाव से आपको फायदा दिलाये तो वो है रूपी कॉस्ट एवरेजिंग Rupee Cost Averaging

रूपी कॉस्ट एवरेजिंग क्या है?
रूपी कॉस्ट एवरेजिंग के द्वारा आप नियमित अंतराल पर निश्चित धनराशि निवेश करते हैं जो कि आपको एक समायावधि मे आपके निवेश के लागत मूल्य को औसत करने मे सक्षम बनाता है।
यह कैसे काम करता है?

निवेश के विषय मे एक बात सुनिश्चित है और वो है "अनिश्चितता"।
स्टॉक्स & बोण्ड्स कि कीमतों मे दिन-प्रतिदिन / माह-प्रतिमाह /वर्ष-प्रतिवर्ष उतार चढाव लगा रहेगा
रूपी कॉस्ट अवेरजिंग के साथ बाज़ार उपर होने पर आपके पैसो से थोड़ी यूनिटस जबकि नीचे होने पर ज्यादा यूनिट्स खरीदी जाती हैं।
https://clnk.in/f8Eg

 उदाहरण

आप 5 माह तक हर माह 1000 Rs का निवेश करते है ऊपर नीचे होती कीमतों के बीच
तो आप पाएंगे कि आपका लागत मूल्य यूनिट के मूल्य से कम है।
एकमुश्त निवेश vs रूपी कॉस्ट अवेरजिंग
इसी चित्र के अनुसार आप ने यदि प्रथम माह ही 5000 Rs का निवेश किया होता तो आपको 500 यूनिट्स मिली होती
जो कि 5 माह बाद भी 5000 Rs मूल्य की होती
जबकि प्रति माह के निवेश पर आपको 508.33 यूनिट्स मिले होते जिनका मूल्य होता 5083.30 Rs.
इस प्रकार हम देखते हैं कि रूपी कॉस्ट अवेरजिंग से हमारे निवेश को औसत लागत मूल्य को कम करने का अवसर मिलता है।
https://clnk.in/f8Eh
SIP रूपी कॉस्ट अवेरजिंग करने का सर्वश्रेष्ठ तरीका -
म्यूचुअल फंड्ज द्वारा प्रस्तुत सिप की सुविधा के माध्यम से हम अपने निवेश की औसत लागत को कम कर सकते हैं और उतार-चढ़ाव के जोखिम को एक निश्चित सीमा तक कम कर सकते हैं।यहाँ यह बात ध्यान रखने योग्य है की रूपी कॉस्ट अवेरजिंग आमतौर पर लंबी अवधि मे सर्वश्रेष्ठ रूप से काम करती है इसीलिए आपको प्रत्येक नियत तिथि पर लगातार योगदान करते रहना चाहिए और बाज़ार के नीचे होने पर भी अपना योगदान जारी रखन चाहिए।

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